हिंदू हिंसा पर बांग्लादेश पर आने वाली है मुसीबत, वजूद बचाना हो जाएगा मुश्किल

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नई दिल्ली। हिंदुओं की खिलाफ हिंसा अब बांग्लादेश पर भारी पड़ेगी। उसे ये हिंसा रोकनी ही पड़ेगी। विश्व समुदाय में इसके खिलाफ माहौल बनने लगा है। अमेरिकी कांग्रेसी ब्रैड शर्मन ने एक बयान जारी कर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की बात कही। शर्मन ने हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के संबंध में बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क से जांच की मांग की।

कांग्रेसी नेता ब्रैड शर्मन ने मौजूदा अमेरिकी प्रशासन से हिंदू समुदाय के साथ हो रही हिंसा के खिलाफ कार्रवाई करने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। बता दें कि बीते महीने देशद्रोह समेत बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराने के आरोप में चिन्मय कृष्ण दास को गिरफ्तार कर लिया गया था । उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं तेजी से बढ़ी। चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ एक्शन एक स्थानीय राजनेता द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद लिया गया था। जिसमें हिंदू समुदाय की एक रैली के दौरान बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया था।

चिन्मय कृष्ण दास ने अपने गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसको लेकर अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी 2025 को तय की गई है। इस बीच वो कथित राजद्रोह के आरोप में जेल में ही रहेंगे। चैटोग्राम मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश सैफुल इस्लाम ने सुनवाई के लिए नई तारीख तय की क्योंकि बचाव पक्ष का वकील अदालत से अनुपस्थित था। चिन्मय का केस लड़ने वाले वकील रमन राय पर भी जानलेवा हमला किया गया। वो अभी आईसीयू में भर्ती हैं। उनपर कट्टरपंथियों ने हमला किया थाएजिसमें वो बुरी तरह घायल हो गए थे।

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