नई दिल्ली। कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को हिजाब मामले की सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा कि स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब पहनकर आने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। इसके साथ इस मामले में दाखिल की गई याचिका भी खारिज कर दी। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब इस्लाम धर्म की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है। इसी के साथ महीनों से चले आ रहे इस विवाद का पटाक्षेप भी हो गया। कर्नाटक कोर्ट में उड्डपी की लड़कियों ने स्कूलों और कालेजों में हिजाब पहन कर आने की इजाजत के लिए याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट खारिज कर दिया।
कोर्ट ने इन चार सवालों को बनाया आधार
प्रश्न 1- क्या हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा है।
इस पर कोर्ट ने कहा नहीं हिजाब इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है।
प्रश्न 2-क्या यूनिफार्म पहनने से इंकार करना प्रिस्क्रिप्शन अधिकारों का उल्लंघन है।
कोर्ट ने कहा कि स्कूल यूनिफार्म प्रस्क्रिप्शन का एक उचित प्रबंध हैं, जिसे पहनने से विद्यार्थी इंकार नहीं कर सकता है।
प्रश्न 3-क्या पांच फरवरी का राज्य सरकार का फैसला अक्षम और स्पष्ट रूप से मनमाना है। यह अनुच्छेद 14 और 15 का उल्लंघन करता है।
कोर्ट ने कहा, सरकार के पास पांच फरवरी का शासनादेश जारी करने का अधिकार है। इसे अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता है। याचिकाकर्ता यह साबित नहीं कर पाए कि सरकार ने इसे मनमाने ढंग से लागू किया।
प्रश्न 4- क्या कॉलेज प्रशासन के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच का मामला बनता है
कोर्ट ने कहा नहीं।
इस मामले पर फैसला देने के लिए नौ फरवरी को चीफ जस्टिस राज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जे एम खाजी की बंेच का गठन किया गया था। इस फैसले के राज्य में सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है।