नई दिल्ली। बदले सियासी परिदृश्य में कांग्रेस के लिए कुछ अच्छा नहीं हो रहा है। खासकर हिमाचल प्रदेश में पार्टी के अंदर जो घमासान मचा है वह कांग्रेस के लिए शुभ नहीं है। संख्या बल होने के बावजूद राज्यसभा की सीट हारने का ठीकरा मुख्यमंत्री सुक्खू पर फोड़ा जा रहा है। पार्टी के कई दिग्गज ये मान रहे हैं कि क्रॉस वोटिंग के लिए वहीं जिम्मेदार हैं। मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग की जाने लगी। रही सही कसर छह बार मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य ने कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देकर पूरी कर दी। माना जा रहा है कि विक्रमादित्य और उनकी माता प्रतिभा सिंह भाजपा में शामिल हो सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो हिमाचल प्रदेश में भाजपा को सरकार बनाने से कोई नहीं रोक सकता है।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर संकट में घिर गई है, उनके खिलाफ पार्टी के विधायकों ने खुलकर मोर्चा खोल रखा है। एक दिन पहले मंगलवार को राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग की और फिर दूसरे दिन सुक्खू को सीएम पद से हटाने की मांग पर अड़ गए हैं। पार्टी हाईकमान पशोपेश में है और बागी विधायकों को मनाने में जुटा है। इस बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मोर्चा संभाल लिया है और हिमाचल में सत्ता से लेकर संगठन तक सामंजस्य बनाने के लिए फॉर्मूले पर मंथन शुरू कर दिया है।
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से पार्टी विधायकों में नाराजगी देखी जा रही है। राज्यसभा चुनाव की वोटिंग करीब आते ही खफा चल रहे विधायकों ने अपनी ताकत का एहसास दिया, हालांकि वोटिंग से पहले मंगलवार को कुछ विधायकों ने प्रियंका गांधी वाड्रा से फोन पर बात की थी और पूरे घटनाक्रम के संबंध में जानकारी दी थी।