गजब : पूजा अर्चना कर तिलक लगाने के बाद उड़ सका चिनूक हेलिकॉप्टर

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में हाल ही में एक अजीब वाकया हुआ है।
दरअसल,
अमेरिका से भारत सरकार द्वारा कई चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदे गए थे। यह भारी-भरकम, वजनी डबल इंजन हेलिकॉप्टर सुदूर पर्वतीय क्षेत्रों में तैनात सेना के जवानों के साजो-सामान और रसद को बखूबी पहुंचाने में बहुत उपयोगी साबित हुआ है।

अभी चार दिन पहले एक चिनूक हेलीकॉप्टर प्रयागराज से बिहटा के लिए जा रहा था।रास्ते मे ही अचानक कोई तकनीकी खराबी के कारण उसे बक्सर के एक गांव मानिकपुर में स्थित हाईस्कूल के एक मैदान में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।वायुसेना के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम में दो दिन में ही उसकी तकनीकी खराबी ठीक कर दी लेकिन अत्यधिक बारिश और घासयुक्त दलदली जमीन के कारण हेलीकॉप्टर टेकऑफ नही कर पा रहा था।तीन चार ट्रैक्टर मंगवा कर उसे खिंचवाने का प्रयास किया गया लेकिन हेलीकॉप्टर टस से मस नही हुआ।

विगत तीन दिन से आसपास के सारे ग्रामीणों की इस भारी भरकम हेलिकॉप्टर देखने के लिए भीड़ सी लगी रहती थी।जब सारे प्रयासों से भी हेलीकॉप्टर टेकऑफ नही कर पाया तो स्थानीय ग्राम प्रधान और उपस्थित ग्रामीणों ने विंग कमांडर मालपुरे और अमर मणि त्रिपाठी से अनुरोध किया कि इसके सकुशल टेकऑफ के लिए थोड़ा पूजापाठ करना चाहते हैं।

विंग कमांडर तुरन्त तैयार हो गए।फिर क्या था।आनन फानन में सारी पूजा सामग्री इकठ्ठी की गई।विधिवत मंत्रोच्चार से पूजापाठ हुआ।ग्राम प्रधान ने नारियल फोड़ा और हेलीकॉप्टर को तिलक लगाया।भारत माता की जय के गगनभेदी नारों के बीच पायलट ने पुनः प्रयास किया और हेलीकॉप्टर का टेकऑफ हो गया।कुछ ही क्षणों में हेलिकॉप्टर आकाश में नजर आया।

अब इस घटना की कैसे व्याख्या की जाय?आपकी मर्जी है।वामपंथी और इस प्रकार के पूजापाठ को अंधविश्वास मानने वाले लोग भले नाक भौं सिकोड़े लेकिन सच्चाई तो आपके समक्ष है।जो भी हो,आस्था,विश्वास और विज्ञान का अद्भुत समन्वय है यह घटना।

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