मुजफ्फरनगर। शहर के साईंधाम के पास से एंटी करप्शन टीम ने 20 हजार की रिश्वत लेते चकबंदी लेखपाल को रंगेहाथ पकड़ लिया। लेखपाल के खिलाफ सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई। डीएम सीबी सिंह के निर्देशन में नियुक्त किए गए दो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई।
उत्तराखंड, रुड़की के गांव कान्हापुर निवासी परवेज आलम से चकबंदी में जमीन पूरी कराने के लिए पुरकाजी क्षेत्र का चकबंदी लेखपाल जनेश्वर 20 हजार की रिश्वत मांग रहा था। परवेज ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम मेरठ से कर दी। इसके बाद टीम ने किसान के साथ मिलकर योजना बनाई। मंगलवार को लेखपाल ने परवेज आलम को साईंधाम के पास बुलवाया। उसने जैसे ही जनेश्वर को 20 हजार रुपये दिए, तभी एंटी करप्शन की टीम ने दो मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में लेखपाल को रिश्वत लेते पकड़ लिया। उसे मेरठ एंटी करप्शन कोर्ट में पेश किया जाएगा।
रिश्वत लेने के लिए अपने घर पर ही बुलाया किसान को
मुजफ्फरनगर। घूसखोर लेखपाल ने किसान को अपने घर पर ही रुपये लेकर बुलाया था। इसी से अंदाजा लग सकता है कि लेखपाल को रिश्वत लेने का कोई डर नहीं था। रुड़की के गांव कान्हापुर निवासी किसान प्रवेज आलम की कृषि भूमि पुरकाजी थाना क्षेत्र के गांव गोधना में है। गोधना में चकबंदी प्रक्रिया चल रही है। प्रवेज आलम की भूमि की पैमाइश चकबंदी में कम हो गई थी।
इसी कारण किसान ने चकबंदी विभाग में शिकायत करते हुए जमीन की पैमाइश और नोटिस को रद्द कराने की गुहार लगाई थी। पिछले काफी समय से किसान चकबंदी विभाग के लेखपाल और अन्य अधिकारियों के चक्कर लगा रहा था। किसान का आरोप है कि भूमि की पैमाइश कराने के लिए लेखपाल व कानूनगो ने रिश्वत की मांग की थी। किसान ने सुविधा शुल्क देने में असमर्थता भी जताई, मगर उसकी गुहार काम नहीं आई। परेशान होकर किसान ने सोमवार को मेरठ पहुंचकर एंटी करप्शन की टीम को इसकी पूरी जानकारी दी। मंगलवार को एंटी करप्शन मेरठ इकाई के प्रभारी अशोक कुमार, इंस्पेक्टर बाबर रजा जैदी आदि टीम को साथ लेकर मुजफ्फरनगर पहुंचे।
किसान ने लेखपाल जनेश्वर से फोन पर वार्ता की तो लेखपाल ने किसान को अपने आवास साईंधाम कालोनी के अपने घर पर ही बुलाया था। एंटी करप्शन की टीम ने इस संबंध में डीएम सीबी सिंह को जानकारी दी। डीएम ने जिला कृषि अधिकारी जसवीर सिंह तेवतिया और तहसीलदार सदर अभिषेक शाही को बतौर मजिस्ट्रेट नियुक्त कर टीम के साथ भेजा। दोपहर करीब सवा दो बजे टीम पहले ही नियत स्थान पर पहुंच गई। किसान प्रवेज आलम को केमिकल लगाए बीस हजार रुपये दिए गए। किसान आरोपी लेखपाल जनेश्वर को 20 हजार रुपए की रिश्वत देने के लिए उसके घर पहुंचा तो तभी एंटी करप्शन की टीम ने उसे रंगेहाथों गिरफ्तार कर लिया। बाद में टीम लेखपाल को लेकर थाना सिविल लाइन में पहुंची, जहां पर उससे पूछताछ की गई। यहीं पर मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई की गई। बुधवार को आरोपी लेखपाल को मेरठ कोर्ट में पेश किया जाएगा।
कई लेखपालों के खिलाफ हो चुकी कार्रवाई
मुजफ्फरनगर। किसानों से रिश्वत लेते हुए हाल में ही कई लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।
चकबंदी विभाग पहले से ही भ्रष्टाचार के लिए बदनाम है। किसान आए दिन चकबंदी विभाग के अफसरों और कर्मचारियों पर आर्थिक शोषण के आरोप लगाते रहे हैं। कई किसान संगठन चकबंदी विभाग के खिलाफ धरना, प्रदर्शन करते रहे है। बावजूद इसके विभाग में भ्रष्टाचार नहीं थम रहा है। जिसका उदाहरण मंगलवार को पकड़ा गया चकबंदी लेखपाल जनेश्वर है। तहसीलों के लेखपालों पर भी रिश्वत लेने के आरोप में कार्रवाई हुई है। तीन दिन पहले ही पीनना के लेखपाल वेदप्रकाश की रिश्वत लेते हुए वीडियो वायरल होने पर उन्हें निलंबित किया गया था। इससे पहले चंादपुर के लेखपाल लोकेश के खिलाफ भी रिश्वत लेने के आरोप में कार्रवाई हुई थी।
एंटी कप्शन टीम ने चकबंदी लेखपाल को रिश्वत लेतेे हुए पकड़ा है। लेखपाल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। अन्य विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी। भ्रष्टाचार में लिप्त किसी को भी बक्शा नहीं जाएगा – सीबी सिंह, जिलाधिकारी