नई दिल्ली। पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की बेटी राधिका ने रविवार को अपने फेसबुक पेज पर एक भावनात्मक पोस्ट लिखकर अपने पिता के संघर्ष के बारे में बताया। इस पोस्ट के जरिए राधिका ने उन सभी लोगों को आड़े हाथों लिया है, जिन्होंने उनके पिता की मृदुभाषी छवि को उनके फेल होने का कारण बताया।
राधिका ने लिखा कि क्या राजनेताओं में संवेदनशीलता नहीं होना चाहिए? क्या यह एक आवश्यक गुण नहीं है जो हमें एक नेता में चाहिए? क्या नेता अपने मृदुभाषी छवि के जरिए लोगों की सेवा नहीं करते।
राधिका ने लिखा कि मेरे पिता का संघर्ष वर्ष 1979 में शुरू हुआ। जब उन्होंने मोरबी बाढ़, अमरेली में बादल फटने की घटना, कच्छ भूकंप, स्वामीनारायण मंदिर आतंकवादी हमले, गोधरा की घटना, बनासकांठा की बाढ़ के दौरान अपनी जान दांव पर लगाकर लोगों की सेवा की। इतना ही नहीं ताउते तूफान और यहां तक कि कोविड के दौरान भी मेरे पिता पूरी जान लगाकर काम कर रहे थे।