नई दिल्ली। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा और करणी सेना ने सम्राट मिहिर भोज को गुर्जर बताने का विरोध किया है और ऐलान किया कि क्षत्रिय समाज के 144 गांवों की महापंचायत रविवार को आयोजित की गई है, जिसमें इस कार्यक्रम के विरोध की पूरी रणनीति बनेगी।
क्षत्रिय समाज के सभी प्रमुख लोग इस महापंचायत में हिस्सा लेंगे। दादरी में सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा के अनावरण से पहले ही इसको लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है।
इस मामले को लेकर राजपूत और गुर्जर आमने-सामने आ गये हैं।अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र सिंह तंवर, राष्ट्रीय सचिव पृथ्वी सिंह, करणी सेना के प्रदेश संगठन मंत्री राणा ब्रजेश प्रताप सिंह, अधिवक्ता रीमा सिंह अशोक चौहान आदि ने प्रेस वार्ता में कहा कि नौंवी शताब्दी के राजपूत सम्राट मिहिर भोज प्रतिहार को गुज्जर समुदाय से जोड़ना गलत है। वह अपने इतिहास से छेड़छाड़ नहीं होने देंगे। इसको लेकर समाज के लोगों में नाराजगी है। अपने इतिहास को बचाये रखने के लिए वह सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर भी समाज के द्वारा अभियान चलाया जा रहा है।
रविवार को दादरी के गांव टयौला में क्षत्रिय समाज के लोगों की एक महापंचायत भी आयोजित की जा रही है, जिसमें क्षत्रिय समाज के सभी प्रमुख लोग शामिल होंगे और इस महापंचायत में ही आगे की रणनीति बनेगी कि इस मामले को लेकर आगे क्या करना है। यह पंचायत इस आंदोलन में सबसे अहम होगी।