नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने इस महीने से कंपनियों के लिए आधार से सत्यापित युनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) दाखिल करना अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद ही कंपनियां उसमें अंशदान कर सकेंगी।
हालांकि पूर्वोत्तर व दूरस्थ इलाकों के कुछ विशेष उद्योगों व चरमपंथ प्रभावित इलाकों के लिए 31 दिसंबर तक का वक्त दिया गया है। बहरहाल अगस्त और सितंबर महीने में ईपीएफ के आधार से न जुड़े होने पर अंशदान जमा करने में देरी होने पर नियोक्ताओं को दंडित नहीं किया जाएगा। इसके पहले ईपीएफओ ने आधार से सभी उपभोक्ताओं के यूएएन को जोडऩे की अंतिम तिथि 1 जून से बढ़ाकर 1 सितंबर कर दी थी।
जिन उद्योगों के लिए तिथि अब बढ़ाकर 31 दिसंबर की गई है, उनमें बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन, प्लांटेशन इंडस्ट्री आदि शामिल हैं। ईपीएफओ ने कहा है कि यह फैसला दूरस्थ इलाकों, अशांत इलाकों, कार्यस्थल में जल्दी-जल्दी बदलाव और अन्य बाधाओं को ध्यान में रखते हुए किया गया है।