मेरठ। साइबर अपराधी नए-नए तरीके ठगी के लिए तलाश रहे हैं, जिससे रहने की जरूरत है। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के बाद अब न्यायिक अधिकारी को भी ठगी का शिकार बनाने का प्रयास किया गया है।
मेरठ में एक न्यायिक अधिकारी के नाम से फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर परिचितों से पैसे की मांग की गई। इसकी जानकारी लगते ही न्यायिक अधिकारी ने अपने फेसबुक अकाउंट पर लोगों को सचेत करते हुए फर्जी अकाउंट बनाए जाने की जानकारी दी। इस मामले की साइबर सेल से शिकायत की गई है। ब्यूरो
साइबर सेल ने ठगी के 90 हजार वापस कराए
मेरठ। साइबर सेल ने दो अलग-अलग मामलों में उगे 90 हजार रुपये शुक्रवार को खाते में वापस करा दिए। हाल ही में साइबर अपराधियों ने एक मेजर सहित दो लोगों को शिकार बनाया था। ठगी की पहली वारदात छावनी क्षेत्रांतर्गत सोमनाथ एंकलेव निवासी मेजर चितरंजन गर्ग के साथ हुई। उन्होंने आनलाइन फर्नीचर खरीदने के लिए संपर्क किया। 27 अगस्त को उनके पास एक फोन आया।
फोन करने वाले ने खुद को कंपनी का एग्जीक्यूटिव बताते हुए उन्हें बार कोड भेजा और 30 हजार रुपये की ठगों कर ली। दूसरा शिकार सिविल लाइन क्षेत्र में रहने वाले नगेंद्र को बनाया गया। 28 अगस्त को नगेंद्र के पास फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को नगेंद्र का रिश्तेदार बताया और खाते में 60 हजार रुपये ट्रांसफर करने की बात कही। लापरवाही करते हुए नगेंद्र ने कालर द्वारा भेजे गये लिंक पर क्लिक कर दिया और खाते से 60 हजार रुपये उड़ गए।
दोनों पीड़ितों ने साइबर सेल में शिकायत की। साइबर सेल ने गंभीरता से काम किया और रुपये ट्रांसफर की प्रक्रिया रुकवा दी। शुक्रवार को मेजर चितरंजन गर्ग और नरेंद्र के खाते में रुपये क्रेडिट हो गए। साइबर सेल प्रभारी राघवेंद्र सिंह ने बताया कि लालच के कारण ही लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं।