
शामली। थानाभवन क्ष्रेत्र के ग्राम भैसानी ईस्लामपुर में अज्ञात कारणों से शनिवार को देर रात्रि में मकान में आग लग गई। परिवार के सदस्य बचने के लिए मकान की छत पर जा चढ़े। बचने के प्रयास में मकान की तीसरी मंजिल से कूदते समय परिवार के पांच बच्चे घायल हो गए। उधर, आग से मकान में रखा 15 लाख का सामान जलकर राख हो गया। ग्रामीणों ने किसी तरह आग पर काबू पाया। घायलों को उपचार के लिए प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया।
क्षेत्र के ग्राम भैसानी ईस्लामपुर में शनिवार की देर रात्रि लगभग 10 -11बजे जब जुल्फकार व उसके परिवार के सदस्य मकान में सो रहे थे। अचानक अज्ञात कारणों से मकान में आग लग गयी। आग इतनी भीषण थी के नीचे मकान के बाहर लेटे हुए जुल्फिकार ऊपर नहीं जा सका। पासा में ही उसकी 5 लड़की ओर 1 लड़का सो रहे थे।
आग का विकराल रूप देख जुल्फिकार ने शोर मचाया।शोर सुनकर जुल्फिकार की बड़ी लड़की नरगिस 18 वर्ष अपने छोटे भाई व बहनों महविश 16 वर्ष, शबा 14 वर्ष, हिना 12 वर्ष, अलीना 10 वर्ष, जुनैद 08 वर्ष को दूसरी मंजिल की छत पर ले गई। इसी बीच ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। महविश 16 वर्षीय ने अपने छोटे भाई व बहनों को ऊपर छत से लटका कर मकान के पीछे धान के खेत में लगभग 30 फुट ऊपर से उतारकर उनकी जान बचाई।
जिसमें शबा के पैर में फैक्चर,अलीना की रीढ़ की हड्डी में चोट ,हिना व जुनैद की पसलियों में चोटें आई है। महविश को भी पसली व पैर की हड्डी में चोट आई है। सभी घायल बच्चों का नगर के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज चल रहा है।
जुल्फिकार ने बताया कि उसकी पत्नी का लगभग 6 वर्ष पूर्व प्रसव के समय देहांत हो गया था। बड़ी लड़की नरगिस व महविश की शादी के लिए वह दहेज आदि का सामान इकट्ठा कर रहा था। क्योंकि उसकी माली हालत काफी कमजोर है। वह मकान के पास ही एक छोटी सी परचून की दुकान करता है। मकान में अज्ञात कारणों से लगी आग से उसका सामान जल गया है। घटना की सूचना पर रात्रि में ही पुलिस मौके पर पहुंच गयी थी,लेकिन जब तक घर का सारा सामान जल चुका था। ग्रामीण शाबिर, जाबिर, सलीम, नूर मोहम्मद, शहजाद,पाशा, निजाकत,आदि के प्रयास से किसी तरह आग पर काबू पाया गया।
ग्रामीण हाजी मोहम्मद तुफैल, मोहम्मद साबीर, जाबीर, युनुस पूर्व प्रधान ,सलीम, शहजाद, नूर मोहम्मद, इकराम आदि ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है। घटना की सूचना पर रविवार दोपहर को हल्का लेखपाल ने भी मकान का मौका मुआयना किया।
आग लगने के दौरान जुल्फिकार की बेटी नरगिश ने सूझ बूझ का परिचय देते हुए अपने पांच भाई और बहनों को बचाने में अहम भूमिका निभाई। वह पांचों भाई ओर बहनों को मकान की छत पर ले गई तथा वहां से उन्हें 30 फुट नीचे खेत में उतार दिया। हालांकि, उतारने के दौरान पांचों घायल भी हो गए। लोगों का कहना था कि यदि नरगिश सूझ बूझ नहीं दिखाती तो उसके भाई और बहनों की जान भी जा सकती थी।