रामपुर । जिले में स्थित मौलाना मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी द्वारा मनमाने ढंग से और जबरदस्ती कब्जाई गई 458.50 एकड़ जमीन को सरकार अधिग्रहीत करेगी। हाईकोर्ट ने इस मामले में माना कि ट्रस्ट द्वारा अवैध, मनमाने और जबरन तरीके से जमीन कब्जा की गई है।
ग्राम सभा, शत्रु संपत्ति और सरकारी जमीन मनमाने और नियमों को ताख पर रखकर कब्जा करने की बात मानते हुए इसके खिलाफ स्थानीय अदालत के आदेश को हाईकोर्ट ने जारी रखा है । उच्च न्यायालय ने यह भी माना कि सरकार द्वारा दी गई जमीन पर शिक्षा कार्य ना होकर मस्जिद का निर्माण किया गया।
हाईकोर्ट ने कहा कि अनुसूचित जाति की जमीन मनमाने ढंग से खरीदी गई जबकि अनुसूचित जाति की जमीन के लिए जिला अधिकारी की अनुमति चाहिए होती है। जौहर ट्रस्ट ने याचिका में स्थानीय अदालत के फैसले को निरस्त करने गुहार लगाई गई थी जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। एचसी ने 458.50 एकड़ जमीन सरकार को अधिग्रहीत करने के लिए कहा है ।
दरअसल 2005 में ततकालीन सरकार द्वारा जौहर ट्रस्ट को 471.50 एकड़ जमीन शैक्षिक कार्य के लिए मंजूर की थी। इस प्रकरण में ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि ट्रस्ट के अध्यक्ष आजम खान और सचिव डॉ तजीन फातिमा और सदस्य अब्दुल्ला आज़म हैं । आज़म खां और अब्दुल्ला आज़म सीतापुर कारागार में निरुद्ध है इसके लिए जेल में कोई नोटिस नहीं दिया गया ।
आपको बता दें कि एसडीएम सदर रामपुर ने इस कार्रवाई के लिए लिखा था जिस पर एडीएम रामपुर ने जमीन को सरकार के कब्जे में लेने का फैसला दिया है । फैसले को हाईकोर्ट ने जारी रखा है और ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया है। इस फैसले को जारी रखने के मद्देनजर आजम खान को बड़ा झटका लगा है।