बागपत के जंगल में हिस्ट्रीशीटर की गला रेत कर हत्या

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बागपत। दोघट में गांगनौली गांव के जंगल में शुक्रवार की रात एक लाख के इनामी रहे प्रमोद राठी गिरोह के सदस्य व हिस्ट्रीशीटर पंकज राठी उर्फ गोटा की गर्दन रेत कर हत्या कर दी। शनिवार की सुबह उसका शव खेत में पड़ा मिला। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। अभी तक मृतक के परिजनों ने तहरीर नहीं दी है। पुलिस हत्यारों का पता लगाने में जुटी हुई है।

गांगमौली गांव निवासी पंकज उर्फ गोटा 40 वर्ष पुत्र किरण पाल सिंह अविवाहित था और एक लाख के इनामी रहे कुख्यात बदमाश मृतक प्रमोद राठी गिरोह का सदस्य रह चुका है। वह दोघट थाने का हिस्ट्रीशीटर भी था। भाई नीरज ने बताया कि उसका भाई पंकज राठी उर्फ गोटा नशे का आदी था। शुक्रवार की रात गांव में किसी के साथ उसका झगड़ा हो गया था। वह घर आया था और चिकित्सक से इलाज कराने के लिए पैसे मांग रहा था। जब उसे पैसे नहीं मिले तो वह घर से झगड़ा कर चला गया था।

शनिवार की सुबह उसका शव खेत के पास चकरोड पर पड़ा मिला। उसकी गर्दन रेत कर हत्या की गई थी। किसान रोशन पाल पुत्र अतल सिंह ने खेत में उसका शव पड़ा देखा तो ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। सूचना पर थाना प्रभारी सोनवीर सिंह सोलंकी फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। थाना प्रभारी ने बताया कि मृतक पंकज राठी उर्फ गोटा दोघट थाने का हिस्ट्रीशीटर था। उसके खिलाफ लगभग 14 मुकदमे दर्ज है। अभी तक मृतक के परिजनों ने कोई तहरीर नहीं दी है। पुलिस हत्यारों का पता लगाने में जुटी हुई है।

झोपड़ी में मिले खून के निशान, चप्पल भी पड गांगनौली गांव के जंगल में दिल्ली देहरादून इकोनॉमी कॉरिडोर के पास मृतक पंकज राठी उर्फ गोटा के खेत है। उन्होंने अपने खेत में झोपड़ी है। शुक्रवार की रात उसी झोपड़ी में पंकज राठी पर हमला किया गया। क्योंकि झोपड़ी में खून पड़ा हुआ था और उसकी चप्पल भी वहीं पड़ी थी।

हमले में घायल होने के बाद पंकज राठी वहां से भागा होगा। उसने बदमाशों से अपनी जान बचाने के लिए हाथापाई भी की, लेकिन जान नहीं बचा सका। झोपड़ी से लगभग 50 कदम की दूरी पर उसका शव पड़ा हुआ था। उससे प्रतीत होता है कि हत्यारों को पंकज राठी के खेत में होने की पूरी जानकारी थी।

मृतक हिस्ट्रीशीटर पंकज राठी अविवाहित था। उसका बड़ा भाई अश्वनी राठी दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है और बच्चों समेत दिल्ली में ही रहता था। उससे छोटा भाई नीरज राठी दिव्यांग है। उसकी मां की पहले ही मौत हो चुकी है।

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