
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उद्योग व औद्योगिक संगठन ब्रांड एंबेसडर हैं सरलीकरण, समाधान और निपटारा के मंत्र के साथ उद्योगों को समस्याओं को हल किया जाएगा। औद्योगिक नीतियां बनाने में उद्योग व व्यापार से जुड़े लोगों के सुझाव लिए जाएंगे।
बुधवार को राजपुर रोड स्थित एक होटल में मुख्यमंत्री धामी ने औद्योगिक विकास एवं रोजगार के लिए उद्योग सघों के साथ संवाद किया। सीएम ने कहा प्रदेश में स्थापित उद्योगों की समस्याओं को दूर कर उन्हें विकास और ग्रोथ के हर अवसर दिए जाएंगे। भविष्य में राज्य में और अधिक उद्योग स्थापित हों, इसके लिए हमारे उद्यमी ही हमारे ब्रांड एंबेसहर रहेंगे।
देश में संदेश जाना चाहिए कि उत्तराखंड उद्योगों के लिए एक श्रेष्ठ डेस्टिनेशन है। प्रदेश में परिवहन, कनेक्टिविटी और अवस्थापना विकास के क्षेत्र में तेजी से काम हो रहा है। सीएम ने कहा कि आने वाले 10 सालों में उद्योग के क्षेत्र में उत्तराखंड देश का नंबर वन राज्य बने। इसके लिए सरकार प्रयासरत है। इसमें उद्योगों को भी सहयोगी बनना होगा। औद्योगिक विकास के लिए जो बेहतर होगा वह किया जाएगा। इस मौके पर सीएम ने उद्योग विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन का भी विमोचन किया।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश के विकास में उद्योगों की बड़ी भूमिका है। बड़ी संख्या में उद्योग रोजगार के भी माध्यम हैं। राज्य सरकार उद्योगों के हित में निरंतर प्रयासरत है। उद्योगों में आपसी संवाद के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संघ ने कहा कि खनन समेत अन्य नीतियों के प्रस्ताव को पब्लिक डोमेन में डाला जा रहा है, जिससे सभी के सुझावों लेकर बेहतर नीतियां तैयार हो सके। उद्योगों के हित में सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था 10 साल के लिए की जा रही है।
उद्योग संघों की ओर से दिए सुझावों पर शीघ्र कार्रवाई कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा। सचिव उद्योग राधिका झा ने कहा कि मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, एक्सपोर्ट पॉलिसी, टेक्सटाइल पॉलिसी के साथ ही अवस्थापना विकास, पर्यावरण व राजस्व से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए जिला उद्योग मित्र तथा सिंगल विंडो सिस्टम को भी प्रभावी बनाया जाएगा।
संवाद कार्यक्रम में सीआईआई, पीएचडीसीसीआई, आईएयू, सिडकुल औद्योगिक एसोसिएशन, टूरिज्म एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कई सुझाब दिए। इस मौके पर अपर सनिय आनंद बर्द्धन, सचिव अमित नेगी, शैलेश बंगोली, नितेश झा, सचिन कुर्वे, बीवीआरसी पुरुषोत्तम आदि मौजूद थे। रोजगार देने पर उद्योगों को प्रोत्साहन
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) उत्तराखंड के अध्यक्ष विपुल डावर ने उद्योगों से जुड़ी कई समस्याओं को उठाया। उन्होंने कहा कि उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए रोजगार के आधार प्रोत्साहन दिया जाए। रिहायशी इलाकों में स्थापित उद्योगों को भू-उपयोग परिवर्तन की अनुमति दी जाए। सेलाकुई में रीवर साइड पर पट्टे की भूमि पर स्थापित उद्योगों को नोटिस देने का का मामला भी उठाया। ग्रामीण क्षेत्रों में लैंड यूज का सरलीकरण हो
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के निदेशक अनिल तनेजा ने ग्रामीण क्षेत्रों में लैंड यूज का सरलीकरण करने का सुझाव दिया। बताया कि सिडकुल के औद्योगिक क्षेत्र में स्थापित उद्योग कोई बदलाव करना चाहते हैं तो उनसे लीज डोड़ समाप्त कर जमीन वापस ली जाती है, उद्योगों को लीज डीड पर जमीन को आगे सबलेट करने किसी नए उद्योग को देने का अधिकार मिलना चाहिए। प्रदेश 90 प्रतिशत उद्योगों को फायर की एनओसी की जरूरत नहीं होती है। इसके लिए फायर एनओसी में उद्योगों की शिथिलता दी जाए।
लैंड बैंक बनाया जाए
इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने नए उद्योगों को आसानी से जमीन उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश में वर्चुअल लँड बैंक बनाने का सुझाव दिया। इसके अलाचा सिंगल विंडो सिस्टम में सुधार, दाखिल खारिज की प्रक्रिया में तेजी लाने, निर्यात नीति लागू करने, सेलाकुई औद्योगिक क्षेत्र में 220 केवी सब स्टेशन शुरू न होने, आईएसबीटी से रिसाना पुल तक बाईपास रोड पर गड्ढे होने की समस्या उठाई।