मुजफ्फरनगर। मौलाना कलीम सिद्दीकी का मदरसा जामिया इमाम वलीउल्लाह इस्लामिया सात वर्ष पहले भी सुर्खियो में आया था। तब भी मामला धर्मांतरण था। तब युवती का धर्मांतरण करा कर उसे मदरसे में बंधक बना कर रखने का आरोप लगा था। मेरठ के तत्कालीन आईजी के निर्देश पर मेरठ और मुजफ्फरनगर पुलिस ने मदरसे में सर्च अभियान चलाया था। युवती के परिजनों के कोई कार्रवाई नहीं किए जाने से मामला ठंडा पड़ गया था।
सात वर्ष पहले अगस्त 2014 को मेरठ क्षेत्र की एक युवती लापता हो गई थी। जिसकी तलाश में पुलिस जुटी थी। इसी बीच आठ अगस्त 2014 को लापता युवती की एक सहेली ने डायल 100 को एक सूचना देकर दी थी कि उसकी सहेली का धर्मांतरण कराया गया है। उसे नौकरी देने के बहाने फुलत के जामिया इमाम वली उल्लाह इस्लामिया में बंधक बना कर रखा गया है। साथ में यह भी आरोप लगाया था कि युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म भी किया गया।
इस सूचना से पुलिस में हडकंप मच गया था। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस ने पाया था कि धर्मांतरण कराने वाले मुख्य आरोपी का बेटा फुलत मदरसे का ही छात्र है। लापता युवती की जिस सहेली ने पुलिस को फोन किया था, उसी फोन पर फुलत मदरसे के एक शिक्षक ने भी फोन किया था। कॉल डिटेल के आधार पर पुलिस ने इस शिक्षक को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की थी। इस शिक्षक से मोबाइल और सिम कार्ड बरामद हुआ था। तब यह मामला काफी सुर्खियां में आया था।
तत्कालीन आईजी आलोक कुमार के निर्देश पर मेरठ और मुजफ्फरनगर पुलिस ने युवती की तलाश में फुलत मदरसे में सर्च अभियान में चलाया था, मगर कोई सुराग नहीं मिला था। शिक्षक के पकड़े जाने पर मदरसा संचालक मौलाना कलीम सिद्दीकी का कहना था कि इस शिक्षक का मदरसे कोई संबंध नहीं है। बाद में युवती के अचानक घर आने पर उसने परिजनों ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई से इंकार कर दिया था, जिससे धर्मांतरण के मामले के तार फुलत मदरसे से जुड़े होने के बावजूद यह मामला ठंडा पड़ गया था।