मुजफ्फरनगर। एडीजे कोर्ट संख्या छह ने वर्ष 2013 में हुए सांप्रदायिक दंगे के एक मामले में वादी व गवाहों के पक्षद्रोही होने पर आरोपी बनाए गए 24 लोगों को साक्ष्यों के अभाव में बरी कर दिया है।
गांव कवाल में 27 अगस्त 2013 को सचिन-गौरव व शाहनवाज की हत्या के बाद माहौल गर्मा गया था। सात सितंबर को गांव नंगला मंदौड़ में आयोजित पंचायत से लौटते लोगों पर हुए हमलों के बाद जिले में सांप्रदायिक दंगा भड़क गया था। गांव कुटबा में हुए दंगे में सराजूद्दीन ने गांव के ही काला, सचिन व पुष्पेंद्र सहित 24 लोगों के खिलाफ घर में लूटपाट और आगजनी करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश बाबूराम की कोर्ट नंबर छह में हुई। जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव शर्मा ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र कुमार शर्मा ने सुबूतों के साथ पुख्ता दलीलें पेश कीं, लेकिन बाद में वादी सराजूद्दीन और सभी गवाह पक्षद्रोही हो गए। उन्होंने बताया कि सोमवार को न्यायाधीश ने साक्ष्यों के अभाव में सभी 24 आरोपियों को बरी कर दिया है।