नैनीताल। हाईकोर्ट ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम का उल्लंघन कर मान्यता प्राप्त स्कूलों की ओर से 9वीं और 11वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को बिना ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) के 10वीं और 12वीं में प्रवेश देने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने हरिद्वार के मुख्य शिक्षा अधिकारी और सचिव विद्यालयी शिक्षा से कहा है कि वे महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा के निर्देशों का पालन करते हुए चार माह में मामले की जांच करें और स्कूलों व अभिभावकों को साथ लेकर इस संबंध में ठोस नियम बनाएं। न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई।
मामले के अनुसार सीबीएसई और आईसीएससी स्कूल एजुकेशन एसोसिएशन रुड़की के अध्यक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि हरिद्वार सहित प्रदेश के कई हिस्सों में कुछ स्कूलों की ओर से सीबीएसई और आईसीएससी बोर्ड के नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। कई स्कूल बिना टीसी के अपने स्कूल में 10वीं और 12वीं की कक्षाओं में छात्रों को प्रवेश दे रहे हैं जबकि ये छात्र दूसरे स्कूलों में नौवीं और 11वीं में फेल हो चुके हैं। ऐसे में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पात्र छात्रों को स्कूलों में प्रवेश नहीं मिल पा रहा है।
उनकी शिक्षा प्रभावित हो रही है। याचिकाकर्ता ने कोर्ट और सरकार से इस फर्जीवाड़े पर रोक लगाने की मांग की थी। याचिकाकर्ता का कहना था कि उनके प्रत्यावेदन पर 27 नवंबर 2020 को स्कूली शिक्षा महानिदेशक ने मुख्य शिक्षा अधिकारी हरिद्वार को मामले की जांच के आदेश दिए थे। लेकिन न तो अब तक मामले की जांच शुरू हुई है और ना ही कोई उचित कदम उठाया गया है। इससे फर्जीवाड़े को बढ़ावा मिल रहा है।