हरिद्वार-दक्ष प्रजापति मंदिर का नाम बदलने का विरोध

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  • प्रजापति समाज के विभिन्न संगठनों की बैठक में लिया गया आंदोलन का निर्णय

हरिद्वार। कनखल स्थित दक्ष प्रजापति मंदिर का नाम बदलने के विरोध में प्रजापति समाज के विभिन्न संगठनों की बैठक सुभाष नगर ज्वालापुर में हुई। जिसमें श्री दक्ष प्रजापति मंदिर के पौराणिक नाम को पुनः स्थापित करवाने के लिए राज्य सरकार से लेकर केन्द्र सरकार तक मुद्दा उठाने और देशभर में आंदोलन शुरू करने का निर्यण लिया गया।

राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ के महासचिव राजाराम प्रजापति ने कहा कि सृष्टि के प्रथम राजा दक्ष प्रजापति की राजधानी कनखल में प्राचीन काल में उनका मंदिर मनाया गया था। यह पूरे देश में दक्ष प्रजापति का सबसे प्राचीन मंदिर है जो कि देश विदेश के प्रजापति समाज के तीन करोड़ से अधिक लोगों की आस्था का केंद्र है। इस मंदिर की देखरेख करने वाले लोगों ने इसका मंदिर का नाम बदलकर दक्षेश्वर महादेव कर दिया है। इससे इसकी प्राचीन पहचान खत्म हो रही है। ऐसे में हम मांग करते हैं कि इसका प्राचीन नाम यथावत रखा जाए। ऐसा ना होने पर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।

अध्यक्षता करते हुए उद्यमी रविन्द्र प्रजापति ने कहा कि किसी भी समाज की पहचान उसकी धरोहर और परंपरा होती हैं। अगर वही ना रहें तो उस समाज का अस्तित्व खत्म हो जाता है। उद्यमी राकेश प्रजापति ने कहा कि ऐसे में सभी संगठनों को एक मंच पर आकर अपने धरोहर और परंपरा को बचाना होगा। बैठक का आयोजन श्याम प्रजापति और संचालन राजेश प्रजापति ने किया।

बैठक में मांगेराम प्रजापति डालूवाला, अरुण प्रजापति धनौरी, बनारसी दास प्रजापति, प्रमोद प्रजापति, रवि प्रजापति कनखल, ज्योति प्रजापति महिला प्रदेश अध्यक्ष राष्ट्रीय प्रजापति महासभा, सोम प्रकाश गोला, भीमा प्रसाद, कपिल प्रजापति, श्याम प्रजापति, राजेश वर्मा सम्पादक क्रांति बुलेटिन, राजेश पंडित, प्रमोद प्रजापति, पूनम प्रजापति, संगीता प्रजापति महिला प्रदेशाध्यक्ष राष्ट्रीय प्रजापति महासंघ, सीमा प्रजापति, अमित प्रजापति आदि मौजूद रहे।

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