
क्रिप्टो करेंसी Crypto Currency को लेकर हमेशा लोगों में एक असमंजस की स्थिति रही है। इसके बावजूद यह करेंसी न केवल दुनिया में मजबूती के साथ टिकी है, बल्कि कई देश अब इसको विधिवत मान्यता देने पर भी विचार कर रहे हैं। अब बात करते हैं कि इस करेंसी के बारे में भारत में लोग क्या सोचते हैं। भारत में लगभग भारत में लगभग डेढ़ से दो करोड़ के करीब क्रिप्टो निवेशक है। इतना ही नहीं कई लाख युवा भारतीय हैं जो क्रिप्टो उद्योग का हिस्सा हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारतीय क्रिप्टो निवेशकों का कुल ऐसेट्स लगभग 5.6 बिलियन डॉलर तक की आंकी गई है। साफ है कि इस करेंसी ने भारत में भी अपनी जड़ें मजबूत बना ली हैं।
क्रिप्टो करेंसी को लेकर भारत में एक असमंजस की स्थिति रही है कि सरकार इस पर प्रतिबंध लगाएगी या फिर से मान्यता देगी। फिलहाल इसके निवेशकों के लिए यह खुश खबरी हो सकती है कि अभी इस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। एक फरवरी को संसद में बजट पेश करते समय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पर प्रतिबंध लगाने की बात तो नहीं कही, लेकिन इस पर 30 प्रतिशत के भारी भरकम टैक्स की घोषणा जरूर कर दी। ऐसे में अब लोगों के मन में केवल एक ही प्रश्न उठ रहा है कि भारत में इस करेंसी का अब क्या होगा। इससे निवेशकों में खलबली मचनी स्वाभाविक है।
बजट पेश करने के बाद वित्तमंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसी भी करेंसी को तब तक करेंसी नहीं माना जा सकता है जब तक कि उसे सेंटल बैंक ने जारी न किया हो। जब उनसे पूछा गया कि टैक्स लगाने का मतलब है कि इसे लीगल किया जा रहा है तो उन्होंने वही बात दोहराई कि सेंटल बैंक के फ्रेम वर्क से बाहर जो भी करेंसी है वह करेंसी नहीं मानी जाएगी। बहरहाल भारत में अभी इसको लीगल करने की कोई योजना नहीं है। इस पर एक कमेटी गठित की जाएगी जो इसके सभी पक्षों पर विचार करके रिपोर्ट देगी। तब तक आप एक अप्रैल से इस पर 30 प्रतिशत टैक्स देने के लिए तैयार रहें। इतना ही नहीं डिजिटल एसेट्स के लेनदेन पर एक फीसदी टीडीएस भी कटेगा।
आखिर क्या है क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी Crypto Currency दो शब्दों से मिलकर बना शब्द है, क्रिप्टो जोकि लैटिन भाषा का शब्द है जो क्रिप्टोग्राफी cryptography से बना है और जिसका मतलब होता है, छुपा हुआ या हुई, जबकि करेंसी भी लैटिन के करेंसिया currentia से आया है, जो कि रुपये.पैसे के लिए इस्तेमाल होता है, तो क्रिप्टो करेंसी का मतलब हुआ छुपा हुआ पैसा या गुप्त पैसा या डिजिटल रुपया।
इसको ऐसे समझिए क्रिप्टो करेंसी वित्तीय लेन.देन का एक माध्यम है। ये भारतीय रुपये और अमेरिकी डॉलर के समान ही है बस इसमें अंतर सिर्फ इतना है कि यह आभाषी है और दिखाई नहीं देती, न ही आप इसे छू सकते हैं। इसलिए इसे डिजिटल करेंसी भी कहते हैं। इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन माध्यम से ही होता है। जहां एक ओर किसी भी देश की करेंसी के लेन.देन के बीच में एक मध्यस्थ होता है, जैसे भारत में केंद्रीय बैंक, लेकिन क्रिप्टो के कारोबार में कोई मध्यस्थ नहीं होता और इसे एक नेटवर्क द्वारा ऑनलाइन संचालित किया जाता है। यही कारण है कि इसे अनियमित बाजार के तौर पर जाना जाता है, जो पल में किसी को अमीर बना देता है और एक झटके में उसे जमीन पर गिरा देता है। लेकिन बावजूद इस उतार चढ़ाव के इसको लेकर लोकप्रियता बढ़ती ही जा रही है।
भारत में भी Crypto Currency एक उद्योग की तरह काम कर रही है और यह अन्य उद्योगों की तरह ही रोजगार प्रदान करने, एफडीआई लाने, जीएसटी भुगतान और आयकर राजस्व के रूप में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। इसके बावजूद 2022 के बजट में वित्त मंत्री द्वारा रखे गए प्रस्तावों में क्रिप्टो को सट्टेबाजी और जुए जैसी सामाजिक बुराइयों जैसा माना गया है! इसका न केवल उद्योग पर बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर बेहद हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।
–पुष्कर त्रिपाठी
लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं